राजीव गांधी पैट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान : राजीव गांधी पैट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आर.जी.आई.पी.टी.) की स्थापना तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद में जायस नामक स्थान पर संसद के अधिनियम (“राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रोद्योगिकी संस्थान अधिनियम, 2007”) के द्वारा की गयी थी | आर.जी.आई.पी.टी. को “राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान” होने के नाते भारतीय तकनीकी संस्थान (आई.आई.टी.) के समकक्ष श्रेष्ठता प्राप्त है | संस्थान को अपने स्तर से डिग्रियाँ प्रदान करने हेतु शक्ति प्रदत्त किया गया है | आर.जी.आई.पी.टी. को तेल उद्योग विकास बोर्ड के सहयोग से छह प्रमुख तेल सार्वजनिक इकाइयों द्वारा ऊर्जा क्षेत्र के विशिष्ट संस्थान के रूप में सह-प्रचारित किया जाता है यथा (तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड, ओ.आई.एल., गेल, भारत पैट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) [यद्यपि यह सहयोग इन संस्थानों को आर.जी.आई.पी.टी. से ही विशिष्ट रूप से भर्तियाँ करने हेतु बाध्य नहीं करता] | यह संस्थान पैट्रोलियम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी व विशेषज्ञ अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों/संस्थानों से सहयोग कर रहा है |
इस संस्थान का प्रमुख उद्देश्य विश्व स्तरीय शिक्षा, प्रशिक्षण व शोध प्रदान कर मानव संसाधनों को उभारना है ताकि वे पैट्रोलियम व ऊर्जा क्षेत्र की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा कर सकें | भारत को पैट्रोलियम व ऊर्जा क्षेत्र हेतु मानवश्रम के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने के निमित्त यह आकांक्षा की गई है |
आर.जी.आई.पी.टी. की विभिन्न चरणों में पैट्रोलियम प्रौद्योगिकी व प्रबंधन में स्नातक व परास्नातक डिग्री, परास्नातक डिप्लोमा पाठ्यक्रम तथा डाक्टरल स्तर के कार्यक्रम प्रदान करने की महत्त्वाकाक्षी योजना है | आर.जी.आई.पी.टी. शिक्षा सत्र 2008-2009 सत्र से एम.बी.ए. तथा दो तकनीकी पाठ्यक्रमों में शिक्षा प्रदान कर रहा है |